विद्यालय विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय/कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट ग्रांट से क्रय की जाने वाली वस्तुओ की लिस्ट और स्वच्छता पर कितना खर्च करना है

 विषयः वर्ष 2022-23 में परिषदीय  विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय/कम्पोजिट विद्यालयोंमें कम्पोजिट ग्रांट से क्रय की जाने वाली चीजो की लिस्ट 

समय शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2022-23 के सम्बन्ध में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों को नामांकन के आधार पर 05 श्रेणी में वर्गीकृत करते हुये कम्पोजिट स्कूल ग्राष्ट की स्वीकृति प्रदान की गयी है। कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट हेतु स्वीकृत धनराशि जनपदवार अवमुक्त की जा रही है, 


उक्त धनराशि के उपयोग करने के सम्बन्ध में निम्नवत् निर्देश निर्गत किये जाते है

  •  कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि विद्यालय प्रबन्ध समिति के खातों में श्रेणी के अनुसार ही हस्तान्तरित की जायेगी, जिसका व्यवहरण अध्यक्ष एवं सदस्य सधिय (प्रधानाध्यापक) के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा || इस सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 2223/79-5-2012-29/99 टी०सी०-।। दिनांक 05 जुलाई, 2012 के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। आवंटित | धनराशि का उपभोग निम्नलिखित दिशा-निर्देशों के अधीन विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदनोपरान्त किया जायेगा
  • निपुण भारत के लोगो की पेन्टिंग कार्य हेतु विद्यालय भवन की ऐसी दीवार का चयन किया जाये, जो जनसामान्य हेतु प्रथम दृष्ट्या दृश्यमान हो। लोगो की पेन्टिंग की माप 45 से०मी० चौड़ा एवं BD से०मी० ऊँचे आयताकार आकार में होगी। लोगो की रंगीन, फोटो संलग्न है (संलग्नक-2). फोटो के अनुसार ही लोगों में रंगों का समावेश कियाजाये। इस प्रयोजन हेतु प्रत्येक विद्यालय में लोगों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
  • प्रत्येक विद्यालय में भवन की दीवार पर कम्पोजिट स्कूल ग्राष्ट के मद में उपलब्ध एवं व्यय होने वाली धनराशि का वर्षवार एवं मदवार विवरण पेन्ट कराया जायेगा।

अनुमन्य कार्य:- वरीयता क्रम में निम्नवत् कार्य अनुमन्य होंगे-

प्रथम वरीयता-स्वच्छता एवं हैण्डवाशिंग

  •  कम्पोजिट स्कूल, ग्राप्ट हेतु स्वीकृत धनराशि में से न्यूनतम 10 प्रतिशत धनराशि स्वच्छता अभियान/कार्यक्रम पर व्यय हेतु निर्धारित है, जो विद्यालय भदन, परिसर एवं छात्रों की स्वच्छता पर व्यय की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि विद्यालय में स्वच्छता सामग्री यथा ट्वायलेट क्लीनर, फिनायल, साबुन, चूना डाइटिंग क्लॉथ गेल्टर हेण्डवॉश, सैनिटाइजर इत्यादि अनिवार्य रूप से वर्षपर्यन्त आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहे
  • जिन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप मल्टीपल हैण्डवॉशिंग सिस्टम की व्यवस्था किन्हीं कारणों से अभी तक नहीं हो सकी है अपना जहा मल्टीपल हैण्डवॉशिंग सिस्टम छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुरूप टोटियाँ नहीं स्थापित हैं, वहां मल्टीपल हैण्डबॉशिंग सिस्टा की व्यवस्था / पर्याप्त टोटियों की व्यवस्था के लिये रनिंग वॉटर की सुविधा अनिवार्य को सुनिश्थिा शौचालय / मूत्रालय जो छोटी-छोटी टूट-फूट, leach-pit निर्मित न होने सुनिश्चित की जानी है। गरम्मत/ छोटे-छोटे कार्य यथा अथवा कम गहरा होने आदि के कारण की क्रियाशीलता विद्यालय के ऐसे यूरेनल पॉट में बक्रियाशील हैं, उनम उक्त कार्यों को कराकर उन्हें क्रियाशील कराया जायेगा। यदि शौचालय में टाइलीकरण का कार्य नहीं हुआ है, तो इसे अनिवार्य रूप से पूर्ण करा लिया जाये।

द्वितीय वरीयता - शुद्ध पेयजल

  • हैण्ड पम्प / सबमर्सिबल पम्प के पास का प्लेटफार्म एवं सोख्ता गड्ढा का निर्माण अनिवार्य रूप से कराया जायेगा, ताकि हैण्डपम्प के आस-पास जल भराद न हो सके तथा साफ-सफाई रहे।
  • रसोईघर में भोजन तैयार किये जाने एवं रसोईघर तथा बर्तनों की साफ-सफाई हेतु जल आपूर्ति एवं जल निकासी की समुचित व्यवस्था करायी जायेगी।

शिक्षण सहायक सामग्री


  • समस्त परिषदीय विद्यालयों के प्रत्येक कक्षा-कक्ष में मानकानुरूप एवं गुणवत्तायुक्त व्हाइट / ग्रीन बोर्ड की उपलब्धता अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाये।
  • यथावश्यक शिक्षण सहायक सामग्री (अधिकतम रू० 2000/की सीमा तक) यथ प्रिन्ट रिच मैटीरियल, विज्ञान किट, गणित किमान पर इस धनराशि का उपयोग किया जा सकताहै। विद्यालय में नामांकित दिव्यांग छात्रों हेतु टी0एल0एन0 एवं दृष्टि दिव्यांग छात्रों हेतु एग्बोस्ड ग्लो तथा एम्बोल्ड मानांचे का आवश्यकतानुसार क्रय भी इसी धनराशि से किया जा सकता
  • जिन विद्यालयों में टी०एल०एम० के रख-रखाव हेतु अलमारी का क्रय अभी तक नहीं किया गया है, उनमें इस हेतु अलमारी क्रय की जायेगी।
  • फर्स्ट-एड-बॉक्स हेतु क्रय की गयी सामग्री/ दवाईयों की समाप्ति तिथि (expiry date) का अवश्य मिलान करा लिया जाये तथा expired दवायें नष्ट कर दी जायें एवं आवश्यकतानुसार सामग्री क्रय किया जायेगा।
  • विद्यालय में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र की समय से रिफिलिंग सुनिश्चित की जायेगी।
  • विद्यालय के अक्रियाशील विद्युत उपकरण यथा- एल0ई०डी०, ट्यूबलाइट, पंखे, स्विच आदि को ठीक करने अथवा उसके बदलने का कार्य कराया जायेगा !
  • उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिये इस अनुदान राशि से प्रयोगशालाओं और कम्प्यूटर शिक्षा दिषयक आवश्यक कन्ज्यूमेबल सामग्री तथा इण्टरनेट पर भी व्यय किया जा सकता है।
  • यदि विद्यालय की रंगाई-पुताई गत वर्ष में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से अथवा आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत नहीं कराई गयी है तो विद्यालयों की रंगाई-पुताई, दरवाजे, खिड़कियों, ग्रिल, चहारदीवारी, गेट के पेन्ट एवं वॉल-पेन्टिंग का कार्य भी आवश्यकतानुसार कराया जायेगा। प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों में एकरूपता लाये जाने के लिये आवश्यक है।कि भवन बाहर से अनिवार्य रूप से सफेद रंग में पुत वाया जायेगा।
  • कक्षा-1 के लिए विशेष पेन्टिंग की व्यवस्था यथा-वाल वाटिका का लोगो इत्यादि की पेन्टिंग करायी जायेगी।
  • विद्यालय में उपलब्ध मरम्मत योग्य सामग्री यथा-कुर्सी, नेज, झूला, हैण्डपम्प, ब्लैक बोर्ड, फर्शएवं दीवार के आंशिक प्लास्टर/पैट-वर्क एवं अन्य समस्त प्रकार की छोटी-मोटी मरम्मत एवंरख-रखाव, यथावश्यक दरवाजे हेतु ताले एवं इण्टरलॉकिंग इत्यादि कार्य कराया जायेगा।

  • जहाँ पर फर्नीचर की व्यवस्था न हो वहीं पर्याप्त संख्या में टाट-पट्टी, चटाइयाँ/दरी बच्चों के कक्षाकक्षा में बैठने हेतु) की व्यवस्था की जायेगी।
  • ऐसे परिषदीय विद्यालयों में, जहां 'स्मार्ट क्लास की स्वीकृति प्राप्त हुई है, उनमें सुरक्षतात्मक दृष्टिकोण से कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के अन्तर्गत निम्नवत् कार्यवाही सुनिश्चित की जानी है:• विद्यालय के गेट और कक्षों के समस्त दरवाजों पर सामान्य ताला के स्थान पर डबल इंटरलॉकिंग की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही जिस कक्षा-कक्ष में स्मार्ट क्लास के उपकरण हों, उसकी खिड़कियों पर लोहे की सुरक्षित ग्रिल व पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित कुन्डी की व्यवस्था की जायेगी।
  •  जिस कक्ष में अवस्थापना सुविधा का अधिष्ठापन किया जाना है, वहाँ के दरवाजे लोहे के होंगें।


कक्षा-कक्षों का टाइलीकरण

ऐसे विद्यालय जिसमें सभी कक्षा-कक्ष की फर्श टूटी फूटी क्षतिग्रस्त है और वहाँ रू० 75000/- या उससे अधिक कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि प्राप्त हो रही है वहाँ, प्रथम वरीयता एवं द्वितीय वरीयता के कार्य एवं अन्य आवश्यक कार्यों यथा-सहायक शिक्षण सामग्री प्राथमिक उपचार सामग्री, अग्निशमक यंत्र की रीफिलिंग, यथावश्यक पेंटिंग कार्य, अक्रियाशील उपकरणों को ठीक कराना / बदलवाना आदि (जिससे संबंधी सुझावात्मक 05 सूचियाँ संलग्न है) (संलग्नक-3-7), कार्यों को कराने के बाद यदि पर्याप्त धनराशि अवशेष बचती है, तो उपलब्ध धनराशि के अनुरूप कक्षा-कक्षों के टाइलीकरण का कार्य विद्यालय प्रबन्ध समिति से अनुमोदनोपरान्त कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त विद्यालय की आवश्यकतानुसार अन्य कार्य भी विद्यालय प्रबंध समिति से अनुमोदनोपरान्त कराये जा सकेंगें।

इसके अतिरिक्त विद्यालय की आवश्यकतानुसार अन्य कार्य भी विद्यालय प्रबंध समिति सेअनुमोदनोपरान्त कराये जा सकेंगे।

सामान्य निर्देश:


यदि गत वर्ष की कोई धनराशि शेष हो तो उसे वर्तमान वर्ष की धनराशि के साथ सम्मिलित कर संयुक्त कार्ययोजना बनाकर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अनुमोदन से कार्य कराया जा सकेगा। विद्यालय की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही वित्तीय नियमों का पालन करते हुए अच्छी गुणवत्ता की सामग्री क्रय की जानी है। यदि कोई कार्य अन्य योजना/नद के अन्तर्गत पूर्व में कराया जा चुका है अथवा अन्य योजनान्तर्गत कार्ययोजना में अनुमोदित है, तो पुनः कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट का उपयोग ऐसे कार्य के लिये न किया जाय जो सामग्री गत वर्ष पूर्व में क्रय की जा चुकी हो उसको क्रय सूची में अनावश्यक रूप से शामिल नहीं होना चाहिए। यह विशेष ध्यान रखा जाये कि एक ही कार्य के लिये दो मदों से धनराशि कदापि आहरित न हो इस प्रकार के तथ्य प्रकाश में आने पर इसे गबन की श्रेणी में मानते हुये कार्यवाही की जायेगी।

विद्यालय प्रबन्ध समितियों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न सामग्रियों की क्रयप्रक्रिया में निम्नलिखित निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा

  1. शासन द्वारा समय-समय पर निर्गत क्रय प्रक्रिया सम्बन्धी शासनादेशों, नियमावलियों एवंनिर्देशों का अनुपालन ।
  2.  स्टोर पर्चेज रूल्स में दिये गये आदेश एवं निर्देशों का अनुपालन

उक्त बिन्दु सं० 1 एवं 2 में दिये गये निर्देशों के अनुरूप नियमानुसार कोटेशन / निविदा प्रक्रियाका अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।

कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता के सम्बन्ध में निम्नलिखित निर्देशों का अनुपालन अनिवार्यतः सुनिश्चित कराया जायेगा

1. सामग्री क्रय में निर्धारित मानक एवं स्पेसीफिकेशन का पालन किया जायेगा।

2. क्रय की जाने वाली सामग्री प्रमुखतया भारतीय मानक ब्यूरो(BS!) प्रमाणित हो तथायथासम्भव जी०एस०टी० पंजीकृत फर्म से ही क्रय करने की कार्यवाही की जायेगी।

3.जो सामग्री BSI द्वारा प्रमाणित न हो वह मूल निर्माता उत्पादक अथवा अधिकृत विक्रेता सेही क्रय की जायेगी।


कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट से क्रय की गयी सामग्री हेतु 02 प्रकार के स्टॉक रजिस्टर बनाये जायें,

1- उपभोज्य (consumable) सामग्री- जैसे फिनायल, साबुन, मिष्ठान, हेतु 

2-उपभोज्य न होनेवाली (non-consumable) सामग्री-जैसे- आलमारी, रजिस्टर, श्यामपट जैसी स्थायी प्रकृति कीसामग्री, की प्रविष्टि हेतु ।

 कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट में धनराशि का उपयोग के लिये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक पूर्णतः उत्तरदायी होंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि इस निर्देश पत्र की प्रतियां यथावश्यक छपवाकर प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक /इचार्ज अध्यापक को खण्ड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से वितरित कराया जाना सुनिश्चित करायें।


अनुश्रवण, पर्यवेक्षण एवं सत्यापन:

  • कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट मद में अवमुक्त धनराशि का निर्धारित प्रारूप पर उपभोग प्रमाण–पत्र प्रधानाचार्य एवं अध्यक्ष, विद्यालय प्रबन्ध समिति के संयुक्त हस्ताक्षर से प्राप्त कर ब्लॉक स्तर पर संरक्षित रखा जायेगा एवं प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट Data Capture Format (DCF) पर विद्यालयवार, मदवार त्रुटिरहित सूचना सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपलोड की जायेगी
  • खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने विकास खण्ड में रैण्डम आधार पर 20% विद्यालयों में सामग्री क्रय की प्रक्रिया, उसकी गुणवत्ता तथा अभिलेखों के रख-रखाव के सम्बन्ध में स्वयं जांच करेंगे और निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए आख्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजेंगे।
  • सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी प्रत्येक माह कम से कम 05 शिक्षण दिवस में सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी के साथ अलग-अलग विकास खण्ड के अलग-अलग विद्यालयों का पर्यवेक्षण करेंगे तथा संयुक्त निरीक्षण आख्या के साथ वित्तीय व्यवहार में पायी गयी कमियों का उल्लेख करते हुए भविष्य में विद्यालय स्तर पर युक्तियुक्त वित्तीय व्यवहार करने की अनुशंसा को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
  • जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का दायित्व होगा कि वे सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी के ऐसे पर्यवेक्षण का अनुश्रवण करें तथा उनके द्वारा दिये गये यथेष्ट सुझावों को प्रत्येक विद्यालय स्तर तक अनुपालन हेतु प्रभावी कदम उठायें।
  •  विद्यालय निरीक्षण के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक(बेसिक) विद्यालय में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट के उपभोग के सम्बन्ध में क्रय प्रणालीप्रक्रिया, सामग्री की गुणवत्ता तथा अभिलेखों के रख-रखाव व अनुदान के उपभोग में अनियमितता पाये जाने पर दोषी प्रधानाध्यापक / विद्यालय प्रबन्ध समिति के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

उक्त के सम्बन्ध में क्रय की प्रक्रिया में पारदर्शिता सामग्री की गुणवत्ता तथा अभिलेखों का समुचित रख-रखाव सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी एवं अध्यक्ष, जिला शिक्षा परियोजना समिति स्वर से अनुमोदन प्राप्त कर जिला स्तर के अधिकारी अथवा तहसील ब्लॉक स्तर के अधिकारी की दो सदस्यीय समिति गठित कर ली जाये एवं रेण्डम आधार पर चिन्हित करते हुए प्रति विकास खण्ड 20-20 विद्यालयों की जांच करा ली जाये। सत्यापन टीम द्वारा कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की धनराशि के उपभोग, विद्यालयों में कराये गये कार्यों एवं क्रय-प्रक्रिया, सामग्रियों की गुणवत्ता तथा अभिलेखों केरख-रखाव की जांच की जायेगी।


कम्पोजिट ग्रांट में ग्रांट के अनुसार क्रय की जाने वाली सामग्री :


कम्पोजिट ग्रांट के अंतर्गत ग्रांट के अनुसार चीजे खरीदी जाती है इनकी लिस्ट ग्रांट के अनुसार निम्न है 









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