6 दिन 6 प्रार्थनायें ।।अब बदलेगा विद्यालय का स्वरूप।। देखे किस दिन कौन सी प्रार्थना होंगी

                               " बेसिक शिक्षा बेस्ट शिक्षा"

1. अब परिषदीय विद्यालयों में होगी 6 दिन में छह अलग-अलग प्रार्थना है

2. कौन सी प्रार्थना किस दिन होगी देखें पूरी डिटेल

3. अब बदलेगा परिषदीय विद्यालयों का स्वरूप

4. कॉन्वेंट की तर्ज पर होंगी   अब परिषदीय विद्यालयों में प्रार्थनाएं

                  प्रार्थना -वह शक्ति हमें दो दयानिधे

*********************************************************************

 

वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें l

पर सेवा पर उपकार में हम, जगजीवन सफल बना जावें ll

हम दीन दुखी निबलों विकलों, के सेवक बन संताप हरें l

जो हैं अटके भूले भटके, उनको तारे खुद तर जावें ll

वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें …..

छल दंभ द्वेष, पाखंड झूठ, अन्याय से निश दिन दूर रहें l

जीवन हो शुद्ध सरल अपना, सूचि प्रेम सुधा रस बरसावें ll

वह शक्ति हमें दो दयानिधे, कर्तव्य मार्ग पर डट जावें …..

निज आन मान मर्यादा का, प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे l

जिस पुण्य राष्ट्र में जन्म लिया, बलिदान उसी पर हो जावें lI

वह शक्ति हमें दो दया निधि कर्तव्य मार्ग पर जावें l

पर सेवा पर उपकार में हम, जगजीवन सफल बना जावें ll


दया कर दान भक्ति का प्रार्थना

*********************************************************************************
दया कर, दान भक्ति का,  हमें परमात्मा देना।
दया करना, हमारी आत्मा को शुद्धता देना॥

हमारे ध्यान में आओ,  प्रभु आँखों में बस जाओ।
अंधेरे दिल में आकर के परम ज्योति जगा देना॥

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना...

बहा दो प्रेम की गंगा, दिलो में प्रेम का सागर।
हमें आपस में मिलजुल कर, प्रभु रहना सिखा देना॥

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना...

हमारा धर्मं हो सेवा, हमारा कर्म हो सेवा
सदा ईमान हो सेवा, हो सेवकचर बना देना।

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना...

वतन के वास्ते जीना, वतन के वास्ते मरना।
वतन पर जा फ़िदा करना, प्रभु हमको सिखा देना॥

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना...

दया करना, हमारी आत्मा, को शुद्धता देना
दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना

दया कर, दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना...


दया कर, दान भक्ति का,  हमें परमात्मा देना।
दया करना, हमारी आत्मा को शुद्धता देना॥





ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम
***************************************************

ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चलें
और बदी से टलें
ताकि हंसते हुये निकले दम

जब ज़ुल्मों का हो सामना
तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें
हम भलाई भरें
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम
और मिटे बैर का ये भरम
नेकी पर चलें ...

ये अंधेरा घना छा रहा
तेरा इनसान घबरा रहा
हो रहा बेखबर
कुछ न आता नज़र
सुख का सूरज छिपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम
जो अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चलें ...

बड़ा कमज़ोर है आदमी
अभी लाखों हैं इसमें कमीं
पर तू जो खड़ा
है दयालू बड़ा
तेरी कृपा से धरती थमी
दिया तूने जो हमको जनम
तू ही झेलेगा हम सबके ग़म
नेकी पर चलें ...

सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु 

******************************************************
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु 
||

शुद्ध भाव से तेरा ध्यान लगाये हम,
विद्या का वरधान तुमि से पाए हम,
तुमि से है आगाज तुमि से अंजाम प्रभु |

करते है हम शुरु आज का काम प्रभु....

गुरों का सत्कार कभी न भूले हम,
इतना बने महान गगन को छु ले हम,
तुमि से है हर सुबह तुम्ही से शाम प्रभु |

करते है हम शुरु आज का काम प्रभु......

सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु ||



हर देश में तू हर भेष में तू
**************************************
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरी रंग भूमि यह विश्व धरा,
सब खेल में, तू हर मेल तू,
हर देश में तू, हर भेष में तू ,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
हर देश में तू,

सागर से उठा, बादल बनके,
बादल से गिरा जल हो करके,
फिर नहर बना, नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है,
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
हर देश में तू,

चोटी अणु परमाणु बना,
सब जीव जगत का रूप लिया,
कहीं पर्वत वृक्ष, विशाल बना,
सौन्दर्य तेरा सब ही है,
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
हर देश में तू,



                                                          इतनी शक्ति हमें दे न दाता
*******************************************************

इतनी शक्ति हमें दे न दाता
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना...

हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा-सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना क ये अन्त हो ना...
हम चले...

दूर अज्ञान के हो अन्धेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसीका किसीसे
भावना मन में बदले की हो ना...
हम चले...

हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा को जब तू बहा दे
करदे पावन हर इक मन का कोना...
हम चले...

हम अन्धेरे में हैं रौशनी दे,
खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाये अपने किये की,
मौत भी हो तो सह ले खुशी से,
कल जो गुज़रा है फिरसे ना गुज़रे,
आनेवाला वो कल ऐसा हो ना...
हम चले नेक रास्ते पे हमसे,
भुलकर भी कोई भूल हो ना...

इतनी शक्ति हमें दे ना दाता,
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना...

Comments